रिपोर्ट - गाँधी और प्रेमचंद प्रायोजित नहीं स्वाभाविक जनता के हिमायती - अवनीष यादव

रिपोर्ट - गाँधी और प्रेमचंद प्रायोजित नहीं स्वाभाविक जनता के हिमायती - अवनीष यादव


 


दिनांक ३१ जुलाई २०१९ को इलाहाबाद विश्विद्यालय की केंद्रीय सांस्कृतिक समिति और हिंदी विभाग सी.एम.पी. कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर "भारतीय गांव : गाँधी और प्रेमचंद' विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। प्रथमतः डॉ. अनुपम आनंद जी ने सभी का स्वागत करते हुए प्रेमचंद और गाँधी के गांव के विकास और विन्यास के साथ ही रेणु और श्रीलाल शुक्ल के यहाँ आए गांव की ओर भी संकेत किया --।


 


      इस समिति के सह अध्यक्ष प्रो. संतोष भदौरिया कता और सकारात्मकता द्वारा ही किसी भी प्रकार की नकारात्मकता का जवाब दिया जा सकता है। इसके उदाहरण खुद गाँधी और प्रेमचंद जी हैं।' इस समिति के सदस्य और एसो. प्रो. डॉ. कुमार वीरेंद्र ने गांव में आई तब्दीलियां और उत्पन्न समस्याओं पर बात रखी। अपनी लमही यात्रा के हवाले से प्रेमचंद के समय की लमही और आज की लमही की तुलना की। उन्होंने कहा कि गाँधी ने गाँवों को 'भारत की आत्मा' करार देते हुए अपने आंदोलन की शुरुआत चम्पारण के गाँवों से की और प्रेमचंद ने भी गांव के होरी, धनिया, गोबर, घीसू, माधव आदि को कथा का केंद्रीय चरित्र बनाया।


    बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-आलोचक प्रो. राजेंद्र कुमार ने गांव के व्यवहारिक पक्ष के साथ ही इस विषय पर विस्तार से अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा-यँ तो प्रेमचंद गाँधी के बाद आए और गाँधी से पहले चले गए, पर भारतीय गांव की समस्याओं को समझने और साझा करने के लिए गाँधी से ज्यादा लिखा। गाँधी और प्रेमचंद प्रायोजित नहीं स्वाभाविक जनता के हिमायती थे। यद्यपि दोनों में समानता यह कि दोनों ही रस्किन और टालस्टाय से प्रभावित थे। राजेंद्र जी ने आज़ के नए भारत के स्वच्छता और गांव गोद लेने की व्यवस्था पर भी तंज किया। उन्होंने यह भी कहा कि गाँधी जी भारी उद्योगों की अपेक्षा कुटीर उद्योगों के बढ़ावे की रुचि के संदर्भ में सिलाई मशीन और महिलाओं के हुनर, तरक्की का प्रोत्साहन किया। कुशल संचालन डॉ. रामपाल गंगवार तथा आभार ज्ञापन डॉ. सरोज सिंह ने किया। अतिथियों को अजवायन का पौधा और स्मृति चिह्न भेंट स्वरूप प्रदान किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य, अध्यापक, शोध छात्र और विद्यार्थी उपस्थित थे।


                                                                                                                                      अवनीश यादव मो.नं. : 9898677625