कविता -.नाटक जारी है - गौरव भारती,

कविता -.नाटक जारी है - गौरव भारती,


.नाटक जारी है


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यह कमरा नहीं है


मेरी जिंदगी की चौहद्दी है


इस चारदीवारी के बाहर की दुनिया


मुझे नहीं पता


जानने की कोशिश


अब करती भी नहीं


 


इन दीवारों में कैद है


मेरी पहली चीख


वह शायद बहुत लम्बी थी


उस दिन एक रिश्ता बना था


दुनिया के हर मर्द से


हर मर्द मेरी नजर में एक ग्राहक


सिवाय इसके कुछ नहीं


वह कुछ हो भी नहीं सकता


एक जिस्म के अलावा मैं भी कुछ नहीं


 


जितनी सीलन और पपड़ियाँ ओढ़े यह दीवार है


उससे कहीं ज्यादा


चेहरे छपे है मेरे दिमाग में


एक अजीब सी भूख


कतई इंसानी नहीं


जितनी झुर्रियां चेहरे पर


उतनी ज्यादा भूख


तरह-तरह के चेहरे


तरह तरह की उँगलियाँ


मेरे जिस्म पर रेंगती


तमाचों की बरसात


सन्नाटा


 


कोई चीख नहीं


कोई आह नहीं


कोई प्रतिक्रिया नहीं


उठती चीख दब कर रह जाती है कहीं


उठते हाथ हवा में झूल कर रह जाते हैं


मन होता है


मैं भी झूल जाऊं


छत से लटकते इस पंखे में, मगर


 


एक ही रात में कितनी बार


दुनिया से अलग दुनिया है मेरी


 


हर सुबह लेकर आती है नींद


नींद जिसमें ख्वाब नहीं पलते


दहशत पलती है


बहुत सारे दरवाजे हैं


मगर सब बंद


अँधेरा ही पालता है मुझे


उजाले से डर लगता है


बहुत बहुत ज्यादा


 


जब पशु हमलावर होता है


सामने वाले प्रतिद्वंदी को मिटा देना चाहता है


ख़त्म कर देना चाहता है वजूद


जितनी ऊब खीझ सन्नाटा होता है


सब निकाल देना चाहता है


एक साथ एक बार


वह नोचता है पंजे से


उसके दांत अचानक लम्बे हो जाते हैं


नाख़ून इरादतन नुकीले


वह छोड़ जाना चाहता है निशान


क्योंकि उसे पसंद है


उसका नाम


वह मोहर बनना चाहता है


वह छप जाना चाहता है


बहुत निशान है


कुछ बाहर


कुछ भीतर


 


खिड़कियों से झांकती नजर


उस पार जब देखती है


हसरतें आँखों में उमड़ने लगते हैं


हवा का एक झोंका


उन हसरतों को कटी पतंग की तरह कहीं उड़ा ले जाता है


वह टंग जाती है किसी खूंटी से


जहाँ वहशी धूप उसे जला डालता है


फूल कुम्हला जाते हैं


खुशबू हवा हो जाती है


मैं पर्दा गिरा देती हूँ


अब अँधेरा है


कोई उजास नहीं


कोई ख्वाब नहीं


कोई सवाल नहीं


कोई प्रतिकार नहीं


नाटक जारी है ...


 


                                            गौरव भारती, शोधार्थी, भारतीय भाषा केंद्र , जे.एन.यू., कमरा संख्या-108,


                                           झेलम छात्रावास , जे.एन.यू., पिन-110067, मो0- 9015326408