रिपोर्ट - हरनोट की दो कहानी पुस्तकों का लोकार्पण

रिपोर्ट - हरनोट की दो कहानी पुस्तकों का लोकार्पण


शिमला रोटरी टाउन हॉल में वाणी प्रकाशन दिल्ली, कैम्ब्रिज स्कॉलर्स पब्लिशिंग लंदन, ओकार्ड इंडिया और हिमाचल अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में जानेमाने लेखक एस.आर. हरनोट की दो कहानी पुस्तकों वाणी से प्रकाशित 'कीलें' और कैम्ब्रिज स्कालर्स पब्लिशिंग लंदन से अंग्रेजी अनुवाद की पुस्तक 'केटस टॉक' का लोकार्पण प्रख्यात आलोचक प्रो. गौतम सान्याल के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। लोकार्पण के अवसर पर विभिन्न विद्वज्जनों ने गहन विचार-विमर्श करते हुए, हरनोट की समकालीन समय-समाज के सन्दर्भ में उनकी मुक्कमल समझ और दायित्वशीलता की सराहना करते हुए उनके सृजन के विभिन्न दायरों और दिशाओं की चर्चा कीप्रारम्भिक वक्ताओं में प्रो. मीनाक्षी एफ. पॉल, डा. खेमराज शर्मा, डा. विद्यानिधि और डा. देविना अक्षयवर रहे।


    कहानियों पर बात करते हुए डॉ. गौतम सान्याल ने कहा कि सात कहानियों का यह संग्रह कीलें वर्तमान पहाड़ी जीवन की भूमंडलीकृत हौलनाकी का अभिनव भाष्य परोसता है और ये कीलें किन्हीं कथा स्थितियों या प्रोटेगॉनिस्टों में बलपूर्वक ठोक नहीं दी गई है बल्कि इनका पैनापन पहाड़चेतना की अथाह वेदना से उपजा है। उन्होंने कहा कि हरनोट समकालीन जीवन के पॉपुलर नैरेटिव्स के समांतराल अपने नैरेटिव्स गढ़ने में माहिर हैं।


    अंग्रेजी की पुस्तक का संपादन और छ: कहानियों के अनुवाद डॉ. खेमराज शर्मा और प्रो. मीनाक्षी एफ. पॉल ने किए हैं, जबकि अन्य कहानियों के अनुवाद प्रसिद्ध अनुवादकों डा. आर.के. शुक्ल, डा. मंजरी तिवारी, प्रो. इरा राजा और डा. रवि नंदन सिन्हा ने किए हैं।


    प्रो. मीनाक्षी पॉल ने अंग्रेजी संग्रह केटस टॉक की अनुवाद प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए इसकी मल्यवत्ता पर भी विस्तार से बात की। डॉ. खेमराज शर्मा ने इन कहानियों की कथावस्त में जाति, शोषण, पर्यावरण और बदलते युग में रिश्तों के विघटन को रेखांखित किया।


    वरिष्ठ आलोचक डॉ. विद्यानिधि ने संग्रह पर चर्चा करते हुए कहा कि हिमाचल की ग्रामीण धरती की उपज एस.आर. हरनोट ऐसे कथाकार हैं जिनका सृजन आज देश में ही नहीं, विश्व में भी पढ़ा, समझा और सराहा जा रहा है।


    डा. देविना अक्षयवर ने कीलें संग्रह पर बोलते हुए कहा कि कहानियों में केवल पहाड़ी संस्कृति की ही झलक नहीं मिलती बल्कि समकालीन सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों का भी बारीक चित्रण मिलता है।


    मंच संचालन का दायित्व निभाते हुए इन कहानियों पर छोटी-छोटी टिप्पणियां करना सुखद रहा। हरनोट ने कीलें कहानी संग्रह की चर्चित कहानी 'भागा देवी का चायघर' कहानी के कुछ अंशों का पाठ भी किया जिसे खूब सराहा गया।


                                                                                                                                     आत्मा रंजन, शिमला मो.नं. : 9418450763