कविता - तू है कुशल - राहुल कुमार बोयल

राहुल कुमार बोयल  - जन्म दिनांक- 23.06.1985 जन्म स्थान- जयपहाड़ी, जिला-झुन्झुनूं (राजस्थान) सम्प्रति- राजस्व विभाग में कार्मिक पुस्तक- समय की नदी पर पुल नहीं होता (कविता संग्रह), नष्ट नहीं होगा प्रेम ( कविता संग्रह) मो.नं. : ७७२६०६०२८७


 


तू है कुशल


 


यदि समय की पीठ पर


घाव है तो घाव ही


तू मान पर


इस घाव को करार दे


बढ़ा अपने दक्ष हाथ


मल जरा सा पीठ पर


कुछ प्यार से प्यार दे


 


तू हे कुशल


तो ये भी कर


समय पे थोड़ी बर्फ रख


खुद को थोड़ी आँच दे


निरक्षर हैं ये पीढ़ियाँ


न जानतीं बुरा-भला


जिम्मा ले, भविष्य के


ये संकेत बाँच दे।


 


यदि समय के पेट में


आग है तो आग ही


तू मान पर


इस आग से आकार दे


विचार मिट्टी किसलिए


जब लोहे सी है जिन्दगी


इस जिन्दगी को धार दे


 


तू है कुशल


तो ये भी कर


दिल पे थोड़ा रहम खा


नज़र थोड़ी संवार दे


आजकल जवानियाँ


बस जानतीं नादानियाँ


प्यार करके सोच मत


ना सोच कर के प्यार दे।


 


कोई फेर है तो फेर ही


तू मान पर


इस फेर पे तू गौर कर


कि क्यों है ये तीरगी


रोशनी के गीत गा


निगाह तेज और कर


 


तू है कुशल


तो ये भी कर


नाम की न सोच तू


बस नाम को बिसार दे


जो दर्द मिलें हैं आजतक


उनकी ना बात कर


बात कर बस आज की


इस आज को पुकार दे


                                                                                                                                     राहुल कुमार बोयल .मो.नं. : ७७२६०६०२८७