कविता - हमारे मरने की खबर दबा दी गई - राहुल कुमार बोयल
हमारे मरने की खबर दबा दी गई
हमारे मर जाने की खबर दबा दी गई है
और हमारे मारे जाने की कहानी
तो हमी ने रची है।
हम बोल रहे हैं
मगर हमारे मुँह में जवान किसी और की है
हम सुन रहे हैं
मगर हमारे कान हमारी पीठ पर लगे हैं
हम फैसले की घड़ी का
इन्तजार कर रहे हैं
लेकिन हमारा दिमाग एक तोप है
जिसमें गोला-बारूद भरा है
और हमारा दिल एक टैंक
जिसके नीचे हमने खुद को ही कुचल दिया है
हम गुजरे हुए अफसानों पर इतरा रहे हैं
जबकि हमारी आँखों को साफ़ दिख रहा है
कुचला हुआ वर्तमान और
बिलखता हुआ भविष्य,
इस अघोषित युद्ध में
हम बिस्तरों में लेटे लेटे योद्धा का
तमगा हासिल कर चुके हैं
हमारी जन्दिगियों में इतना वसन्त है
कि हमारे चेहरे ही नहीं
हमारे मुखौटे तक पीले पड़ चुके हैं
हमारा रक्त सफ़ेदियों का इस कदर गुलाम है
कि हम अपने कफन को बार-बार धो रहे हैं
हम सचमुच में मर चुके हैं
और हमारे मरने की खबर दवा दी गई है
राहुल कुमार बोयल मो.नं. : ७७२६०६०२८७