गाओ बंधु!
सुना है कि
जब तुम गाते हो
तो दीपक जल उठते हैं
सुना है कि
जब तुम गाते हो
तो बरसने लगता है पानी
तो गाओ बन्धु!
कि जल उठे दीपक
पृथ्वी का पोर-पोर
दीप्त हो उठे प्रकाश से
कि पृथ्वी बहुत अंधेरे में है
तो गाओ बंधु!!
कि बरस उठे मेघ विशाल
जाग जाएँ नदी-ताल
खिल उठे पुष्प - पात
कि पृथ्वी बहुत
निर्जलीकरण से त्रस्त है
गाओ बंधु!
गाओ बंधु!!
तुम कब गाओगे?
सम्पर्क : एयरटेल टॉवर के पास, साँवरिया सेठ कॉलोनी, टीलाखेड़ी रोड विदिशा-464001, मध्य प्रदेश, मो.नं. : 9685275332