कविता - चेहरे - अनिता रश्मि

कविता - चेहरे - अनिता रश्मि


 


चेहरे


 


अव चेहरे पहचान में


नहीं आते


वक्त की धूल ने


विगाड़ दिए


कई चेहरे


 


काश,


पहले मिलना होता


शायद लेती बचा


कुछ वेदाग चेहरे!


                            संपर्क : १सी, डी ब्लॉक, सत्यभामा ग्रैंड, पूर्णिमा कॉम्पलेक्स के पास, कुसई, डोरंडा, राँची-८३४००२, झारखण्ड