कविता- वहाँ - रोहित ठाकुर

रोहित ठाकुर-जन्म : 6 दिसम्बर 1978 शैक्षणिक योग्यता : परा-स्नातक राजनीति विज्ञान विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित, विभिन्न कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ वृत्ति : सिविल सेवा परीक्षा हेतु शिक्षण रूचि : हिन्दी-अंग्रेजी साहित्य अध्ययन


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वहाँ


 


वहाँ पर कोई


बात नहीं कर रहा था


इसलिए कोई राह नहीं


दिख रही थी


मैंने नदी के साथ की शुरुआत


बात की


मुझे पहले सुनाई दी


मछलियों की पदचाप


फिर चिड़ियों की चहचहाट


सुनाई दी


मुझे लगता है


हमारी जड़ता टूटती है


बात करने से


कोई न हो पास


तो


किसी पेड़ से


मैं बात करूंगा


जो नदी के साथ बात नहीं करेंगे


वे जान नहीं पाएंगे


मछलियों की पदचाप


और


हत्यारे की पदचाप


में अन्तर


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