सतीश कुमार सिंह-जन्म 5 जून 1971 को जांजगीर चांपा जिले के ग्राम ठठारी में। शिक्षा : एम.ए. (हिन्द साहित्य) लेखन : गीत, ग़ज़ल, समकालीनकविता, सॉनेट, सामयिक विचार लेख। अनेक पुरस्कारों से सम्मानितसम्प्रति : शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जांजगीर क्रमांक 2 में अध्यापन।
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चुपचाप
फूल खिलते हैं
न चढे, न बिछे यदि
तो खिलने की तरह
डाल पर ही
ही मुरझाते, झर जाते
चुपचाप
सूरज का निकलना
मध्याह्न में कुछ पिघलाना
खुद भी पिघलना
यह भी चुपचाप
जुर्द पत्तों का
बिना शोर किए गिरना
और देखने वाली आँखों के भीतर
उदासी का कसैला स्वाद भर देना
चुपचाप
खेतों की मेड़ पर
बस कुछ ही फासलों में
सरकता जा रहा है एक साँप
जिसे मैं घूर रहा हूँ
चुपचाप
तमाम शोरगुल के बीच
चौराहे पर एक कुत्ता सोया पड़ा है
पगुराते खड़ी है एक गाय
चुपचाप
कंधे पर दिन भर का भार उठाने
कान में बीड़ी खोंसे
अभी गुजरा है मेरे सामने से
रतन हमाल
सर्द मौसम को ललकारते
केवल लुंगी और बनियान में
चुपचाप
ये सभी चुप्पियाँ
मेरे भीतर घर कर जाती हैं
मुझे चुप्पियों के बीच
जीने का रास्ता बताती हैं
चुपचाप
सम्पर्कः पुराना कॉलेज के पीछे, बाजारपारा, जांजगीर, जिला- जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़-495668 मो.नं.: 9425231110