'संस्कृति - नेपाली जाति के पर्व - नुनिता राई

शिवमूर्ति की कहानियों पर एम.फिल. शोध छात्रा, हिन्दी विभाग सिक्किम विश्वविद्यालय, गंगटोक


                                                   -------------------------------


सिक्किम पूर्वोत्तर भारत में बसा एक छोटा प्रांत है, जो अपनी प्राकृतिक सौदर्य के कारण अपने में बहुत ही रमणीय स्थल है। प्रकृति और यहाँ की स्थानीय जनता की भलमनसाहत को देखते भारी संख्या में पर्यटकों का यहाँ आना जाना बना रहता है।


       सिक्किम शब्द यहाँ के लिम्बू भाषा (एक जनजाति की भाषा) की देन है। लिम्बू भाषा के शब्द 'सु' अर्थात 'नवीन' तथा 'ख्यिम' अर्थात 'घर' होता है। इस तरह सिक्किम का अर्थ होता है, नवीनघर। तिब्बती भाषा में सिक्किम को ‘चावल की घाटी' भी कहा जाता है।


       सिक्किम का क्षेत्रफल कुल ७,०९६ किमी है जो चार जिले में विभक्त हैंपूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। सिक्किम के राजधानी गान्तोक है जो पूर्व जिले में है। यहाँ की राजभाषा ११ हैं - अंग्रेजी, नेपाली, भूटिया, गुरुङ, लेप्चा, लिम्बू, मंगर, मुखिया, राई, शेर्पा, और तामाङ।


       लेप्चा, भूटिया और नेपाली यहाँ निवास करती हैं। लेप्चा यहाँ की प्राचीन जाति मानी जाती है क्योंकि सिक्किम में लेप्चा जाति के लोग ही रहते थे, फिर धीरे-धीरे भूटिया, नेपाली और अन्य जाति के लोग भी बसते गए। लेप्चा व भूटिया जातियों में थोड़ी बहुत समानता है, परन्तु नेपाली जाति इन दोनों से बिलकुल भिन्न होती है।


         नेपाली जाति के अन्तर्गत बहुत सी उपजातियाँ होती है जैसे - तामाङ, राई, मंगर, लिम्बू, शेर्पा, शर्मा, दर्जी, प्रधान आदि। नेपाली जाति के लोग अधिकतर हिन्दू धर्म को मानते है और कुछ बौद्ध को मानते है, साथ ही नेपाली जाति के लोग अपने-अपने उपजातियों के पर्व को भी अच्छी तरह से मनाते है।


       नेपाली जातियों के मुख्य पर्व के रूप में दरों, लक्ष्मी पूजा, माघे संक्रान्ति, बसन्त पञ्चमी, रामनवमी आदि हैं।


       दशैं:-दशैंः नेपाली लोगों का महत पर्व है। दशै असोज महीना में मनाया जाता है। इस पर्व पर नौ दिन तक नवदुर्गा की शक्ति की उपासना की जाती है और दशौं दिनों में (दुर्गापूजा) मनाए जाते है। इस दिन घर के बड़े लोग अपने से छोटे लोगों को टीका (दही, चावल और रंग को एक साथ मिला कर बनाया जाता है) लगा कर आशीर्वाद देते है तथा आशीष के रूप में कुछ पैसे भी देते हैं।



                           दसई का चित्र                                         भाई टीका का चित्र


      लक्ष्मी पूजाः कार्तिक कृष्ण पक्ष के दिन से कार्तिक शुक्ल दूतीया तक लक्ष्मी पूजा का पर्व मनाया जाता है। इन । पाँच दिनों का भिन्न महत्व है। जो क्रमशः इस प्रकार है - काग-तिहार, कुकुर तिहार (कुत्ता), गाई तिहार (गाय), गोरु तिहार (बैल) और भाई टीका


      काग तिहारः इस दिन काग की पूजा होती है और कागों को खाना खिलाते हैं। कुकुर तिहार-इस दिन कुकुर को पूजते है। अच्छा-अच्छा खिलाते है। साथ ही कुकुर के गले में माला भी पहनाई जाति है। गाई तिहार के दिन लक्ष्मी को पूजा जाता है। इस दिन सुबह गाई की पूजा की जाती है फिर शाम को लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। फिर उसके बाद लड़कियाँ घर-घर जाकर एक लोक गीत गाती हैं और घरों के लोग पैसा देते है तथा उन लड़कियों का आशीर्वाद लेते है। गोरु तिहार के दिन सुबह को गोरु की पूजा होती है, फिर उन्हें अच्छा-अच्छा खिलाते है, गले में माला पहनते । अन्त के पाँच दिनों में भाई टीका का तिहार होते है। इस दिन बहन अपने


कंदमूल का चित्र


 भाइयों को पूजती है। उनके लिए अपने हाथों से मखमली फल (एक प्रकार का फल होता है जिसे माईती (भाई) फूल भी कहते है जो भ्रातृत्व का प्रतीक माना जाता है की माला बनाते है और उस दिन अपने भाइयों को पहनाते है, उस के साथ ही रंग-विरंगा टीका भी लगा देते है। बहन अपने भाइयों को उपहार देती हैं और भाई बदले में बहन को पैसे और उपहार देते हैं।


        माघे संक्रान्ति : माघे संक्रान्ति को मकर संक्रान्ति भी कहा जाता है। यह पर्व माघ महीना के पहले दिन को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य खाद्य फल कन्दमूल (कच्चा और उबला हुआ) होता है। इस दिन लोग सुबह उठकर अपने कुल देवता की पूजा करते है, फिर कच्चे बनतरुल (जंगल में पाने वाला एक किस्म का कन्दमूल जिसे कच्चा भी खाया जा सकता है, का टीका घर के बड़े लोग लगा देते है और सब परिवार के लोग एक साथ बैठकर कन्दमूल खाते है।


        सकेवा : राई जाति के लोग ‘सर्कवा' पर्व मानते है यह पर्व वैशाख महीने में मनाया जाता है। सवा को 'भूमि पूजा' भी कहा जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य संसार की हर एक वास्तु की सुरक्षा के लिए होता है। इस पर्व में एक परंपरागत नृत्य होता है जो स्त्रियों द्वारा किया जाता है जिसे सकेवा सिल्ली कहते है।


         नेपाली लोगों का खान-पान एकदम साधारण होता है। ये लोग अधिकार चावल और सब्जी, चटनी, किनमा (fermented soya bean), सुखाया हुआ माँस, चुप (milk product), सिस्नु (betan leaf), गुन्द्रुक (fermented green vegetable), dial (bamboo shout), निन्ग्रो (fern shout) आदि पसंद करते है।


                                                                                                               मो. नं. - 9733460659