कविता
कविता - महाप्रलय के गर्भ से निकला, शांति का मुखपत्र - आलोक मिश्र
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महाप्रलय के गर्भ से निकला, शांति का मुखपत्र
स्वर्ग की छाती पर चारों ओर
ख़ून की नदियाँ बह रही है
शमशीरों की धार ने
तमाम शीश धड़ से अलग कर दिए,
आह!! कैसी विपदा है?
देवलोक में देवों के रहते
यह क्या हो रहा है?
वह देखो दूर, दूर घोड़े पर सवार असंख्य मानवजाति
देवलोक में प्रवेश कर रही है
धरती पर हुई, क्रूरतम हत्यायों के पश्चात
वह देखो, ये हत्यारें देवलोक तक आ पहुँचे है
इन पेशेवर हत्यारों की आंखों में ख़ून उतर आया है
यह समस्त दूध और शहद की नदियों में विष घोल रहे है
बादल पर तैर रही अप्सराओं का अपहरण कर
वह बंधक बना रहे है।
इस विभीषका से आतंकित
समस्त स्वर्गवासी हतप्रभ है
और इस महाप्रलय की घड़ी में
देवता निस्तब्ध नीरव शोकगान कर रहे है
विचलित देवलोक के प्राणी और देवता
अंततः युद्ध का आह्वान करते है
आह!!! भीषण त्रासदी
असंख्य कटा मस्तक
चारों ओर खून की गंध
क्या ये वही स्वर्गलोक है?
क्रूरतम हत्यारों का संहार कर
रण में देवताओं की विजय होती है।।
और युद्ध के पश्चात
देवताओं का दूत धरती पर उतरता है....
"मैं आसमान से आया दूत
देवों का संदेश लाया हूं
कि वे त्याग रहे है, आज से
अपनी सभी भ्रांतिया, घमंड, श्रेष्ठता
कि स्वर्ग में सभी देवता
त्याग रहे है, अमानवीय राजमुकुट
उनका यह फैसला महज़ घोषणा-पत्र नहीं
अपितु अपराधबोध, आत्मग्लानि से उतप्रेरित
पश्चाताप है।
इस प्रकार मुक्त होगी समस्त मानवजाति
उन सभी अमानवीय नियमों से जिनसे बंधे रहे मानव और जिसने बांटा असंख्य मानवों को
युद्ध की गरजना से उपजी प्रतिध्वनियां
लंबे अंतराल के पश्चात भी देवताओं के कर्णपर्दो पर प्रहार करती जा रही है
देवलोक में ख़ून के धब्बे और चिरांद
देवताओं से न्याय मांग रहीं है
कि समस्त स्वर्गवासी धरती पर आना चाहते है।
पुनः पढ़ता हूं, देवलोक से आया यह संदेश
कि धर्म के नाम पर हुई आज तक की
सम्पूर्ण हत्यायों की नैतिक ज़िम्मेदारी देवता ले रहे है।
कि वह अपदस्थ हो रहे है, स्वेच्छा से
कि त्यागना चाहते है उस गद्दी को
जो बना रहा केंद्र शोषण का, सदियों
हाँ, देवताओं का यह संदेश महाप्रलय के गर्भ से
निकला शांति का मुखपत्र है।"
~~आलोक मिश्र
परिचय- मेरा नाम आलोक मिश्र है। फ़िलहाल मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का एम.फिल का विद्यार्थी हूं। मैंने स्नातक और परास्नातक(राजनीति विज्ञान) की शिक्षा काशी हिन्दू विश्विद्यालय से ग्रहण की है। मैं झारखंड के देवघर जिले का रहने वाला हूं।
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