कविता - गुब्बारे - मुकेश  कुमार                           शोधार्थी

कविता - गुब्बारे - मुकेश  कुमार


                            शोधार्थी एम. फिल), हिन्दी विभाग, अम्बेडकर भवन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय


गुब्बारे


 


जब भी किसी कवि - गोष्ठी में जाता हूँ


या शादी समारोह में या


किसी के जन्म दिन में


या किसी खास उत्सव में,


तो खूब सजायी गयी होती है भित्तियाँ


दरवाजे के दोनों हिस्से


और खिड़कियां,


हमने मुफ़्त की हवा को भरकर


जो गुब्बारे भरे हैं


वह एक छोटी सी पिन या सुई से


कभी भी सांस छोड़ सकते हैं


                                          सम्पर्क : समरहिल, शिमला-१७१००५, हिमाचल प्रदेश मो. नं.: 8580715221