कविता  - बच्चों के लिए  - मुकेश कुमार

कविता  - बच्चों के लिए  - मुकेश कुमार


                                                शोधार्थी (एम. फिल), हिन्दी विभाग, अम्बेडकर भवन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय


बच्चों के लिए


आश्चर्य है कि


जिन हाथों में कलम – दवात था कभी


उसमें पत्थर है पकड़े हुए


 


सारे हथियार


खतरनाक बंदूकें


बारूद


जहरीले किस्म के औजार


 


ताज्जुब होता है


जिन्हें रंगीन कापियों की जरूरत है


वह अभी से ही


 


बस्ते में भर कर ले जा रहे हैं तबाही की किताबें


खून से भरी पेंसिले


बड़ी हैरत की बात है


जिन हाथों ने अभी पेंसिलों में स्याही भरना भी नहीं सीखा


उन हाथों में क्या - क्या थमा दिया है


आज के


भय और आतंक के इस समय ने !


                                                                 सम्पर्क : समरहिल, शिमला-१७१००५, हिमाचल प्रदेश मो. नं.: 8580715221