तीन ताप का संताप
मेरे करीब-करीब रहने वाला वह कौन
वह तुम हो या तुम्हारी छाया
आंखों में ख्वाब सीने में हाहाकार
प्राप्ति का एक प्रहर अप्राप्ति का एक महीना।
या वह हैं वे-उनकी भग्नता
सीधे-सीधे जीवन जिनका खडत
प्रेम का एक दिन अप्रेम के छह महीने
वह आप हैं या आपका वह
देखने-सुनने में सुख से सराबोर
सम्पति-संतान घर-प्रियजन से भरपूर
शांति का एक पल अशांति के बारह महीने।
वह आप हैं या आपका दुर्भाग्य
वह मैं हूँ या मेरी किस्मत
या हम सभी युग-यंत्रणा की पैदाइश।
विषैले विम्बफल की तरह दमकती सूरत।
अन्दर-अन्दर तीन ताप का संताप।
अनुवादः दिनकर कुमार