कविता-इन दिनों गांव -सतीश कुमार सिंह

सतीश कुमार सिंह-जन्म 5 जून 1971 को जांजगीर चांपा जिले के ग्राम ठठारी में। शिक्षा : एम.ए. (हिन्द साहित्य) लेखन : गीत, ग़ज़ल, समकालीनकविता, सॉनेट, सामयिक विचार लेख। अनेक पुरस्कारों से सम्मानितसम्प्रति : शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जांजगीर क्रमांक 2 में अध्यापन।


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इन दिनों गांव 


 


सांय सांय करती हैं


दोपहर में गांव की गलियां


ऐसा सूनापन


जैसे उम्र पार कर गई


अनब्याही बेटी या बहन की


गहरी उदासी हो


अपनी कोठरियों में


बचे खुचे रह गए हैं


बूढ़े-बुढ़िया


आशंकाओं में जीते


मरने की खौफ से लरजते


रिश्ते के कुछ बेरोजगार


अधेड़ भाई और चाचा


किसी कुएं की जगत के पास


पीठ टिकाए, टकटकी लगाए


देख रहे हैं


धूल उड़ाती जा रही बस का


पिछला हिस्सा


गली, मुहल्ले में भी


सुस्त पड़े हैं गांव के


गाय, गोरू, कुत्ते, बिल्ली


लगभग हर घर के सारे जवान


अपनी ब्याहता के साथ


बच्चा पढ़ाने और रोजगार कमाने


जिद करके निकल गए हैं


शहरों की ओर


घूम रहा हूँ गांव की गलियों में


जहाँ मिलते हैं ज्यादातर


अशक्त, निराश हताश लोग


चालाक लोगों की मुट्टियों में बंद गांव


अपनी सारी रौनके


भेंट कर आया है शहरों को


यहाँ कहीं नहीं उत्साह का शोर


तुम नहीं जानते


इन दिनों खेतों पर


किस तरह सहमी हुई


उतरती है भोर\


                            सम्पर्कः पुराना कॉलेज के पीछे, बाजारपारा, जांजगीर, जिला- जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़-495668 मो.नं.: 9425231110