विनोद 'निर्भय'
गीत
तुम भी मौन ?
तक्षक मचा रहे हैं तांडव,
बीन बजाए आखिर कौन ?
तुम भी मौन !!......
कड़े चाक-चौबंध परीक्षित तो करवाए
द्वार-द्वार पर सिद्ध सफेरे भी बैठाए
मंदिर तक फूलों में
छिपकर आया कौन?
माली मौन..........
जन्मेजय दिन-रात पिता के गुम में व्याकुल
सोच रहा वो युक्ति निपटने का हर माकूल
नाग-भस्म करने का
मंत्र उचारे कौन?
पूछे मौन...
आज परीक्षित जैसा भारत शासक जन्मेजय सा
पाक हिंद पर श्राप और तक्षक हत्यारों जैसा
सहमी - सहमी घाटी
शोक मिटाए कौन?
घातक मौन.......
पत्नी का सिंदुर लुटा तो बच्चों की आशाएँ
पूछ रही हैं वीर शहीदों की लज्जित माताएँ
बिना लड़े सीमा पर
मरना चाहे कौन?
सब हैं मौन...
सम्पर्कः ग्राम-जूड़ापुर, पो.-कुसमौल, जनपद-गोरखपुर-273401, उत्तर प्रदेश, मो. नं.: 9415410271