रिपोर्ट - फ्लाई किलर ने किया मंत्रमुग्ध

शिमला रोटरी टाउन हॉल में १६ दिसम्बर २०१८ को चंडीगढ़ की संस्था ‘पूर्वरंग' द्वारा सुपरिचित कथाकार एस.आर. हरनोट का एकल कहानी पाठ आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने अपनी चर्चित कहानी ‘फ्लाई किलर' का पाठ किया। एक घंटे के इस कहानी पाठ में श्रोता मंत्रमुग्ध से बंधे रहे। इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीनिवास जोशी, डॉ. हेमराज कौशिक के साथ मुझे भी इस कहानी पर बात करने के लिए पूर्वरंग ने आमंत्रित किया था। कहानी ‘फ्लाई किलर' अपने समय के क्रूर यथार्थ और निरंकुश व्यवस्था का बहुत संवेदनशील अन्तर्पाठ प्रस्तुत करती है और हिंसक और अधिनायकवादी वृतियों का एक सशक्त प्रतिरोध रचती है। अपेक्षित दृष्टिसम्पन्नता और स्पष्ट पक्षधरता के साथ. इस कहानी पर बात करना अच्छा लगा। जाने-माने लेखक व हिमाचल प्रदेश से साहित्य अकादमी के सदस्य श्रीनिवास जोशी ने कहानी के तत्वों के आधार परक बात करते हुए इसे एक सफल और प्रभावशाली कहानी करार दिया और कहा की नई सरकार के आने से परिस्थितियां जैसे बदली है, उन्हें यह कहानी पुरजोर ढंग से उठाती है। उन्होंने हरनोट को इस कहानी के लिए इसलिए भी बधाई दी की इतनी लम्बी अवधि तक श्रोताओं को बांधना अक्सर नामुमकिन होता है। आलोचक डॉ. हेमराज कौशिक ने इसे वस्तु और रूप की दृष्टि से अन्त:ग्रंथित कहानी कह कर फैंटेसी का अनूठा प्रयोग माना। उनका मानना था कि एक घंटे तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किए रखना किसी भी रचना की बड़ी सफलता है।


    संगोष्ठी का संचालन करते हुए पूर्वरंग की संयोजक नमिता ने अपनी संस्था की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया और हरनोट जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने हरनोट के जीवन संघर्ष को विशेष रूप से उल्लेखित करते हुए बताया कि नौकरी में जहाँ उन्होंने एक मजदूर से शुरुआत की, वहीं हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम जैसे हिमाचल के बड़े संस्थान से उप महा प्रबन्धक के पद से सेवानिवृति ली और लेखन के क्षेत्र में जहां गाँव की पगडंडियों से यात्रा शुरू की वहीं अपने कहानी संग्रह ‘दारोश' के लिए कथा यूके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय इन्दुशर्मा कथा सम्मान से लन्दन के नेहरू केंद्र में सम्मानित हुए।


    इस पाठ के बाद उपस्थित श्रोताओं के लिए बहस का खुला आमंत्रण था जिसमें गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, सतीश रत्न, कुलराजीव पंत, मस्त राम शर्मा, दिनेश शर्मा, सीताराम शर्मा, मोनिका छट्ट, अनिता शर्मा, भूप रंजन, दीप्ति सारस्वत, नवमीत, लेखराज चौहान, शांति स्वरूप शर्मा आदि ने कहानी पर विस्तार से टिप्पणी की। सबने कहानी को आज के संदर्भ में अत्यधिक प्रासंगिक बताते हुए कथाकार को बधाई दी। खचाखच भरे हल में एक घंटे तक कई युवा श्रोताओं ने खड़े होकर कहानी पाठ का आनंद लिया।


   आयोजन में पूर्वरंग के युवा सदस्यों के अतिरिक्त अकादमी सचिव डॉ. कर्म सिंह, मृदुला श्रीवास्तव, राकेश कुमार सिंह, उमाशंकर सिंह, सुरेश शांडिल्य, अंजलि दीवान, वंदना भागड़ा, रंजना जरेट, मनन विज, अमन, जगदीश हरनोट, मनवर राणा आदि शामिल रहे। इस गोष्ठी में श्रोताओं की भरपूर उपस्थिति से उत्साहित पूर्वरंग की संयोजक नमिता ने भविष्य में भी ऐसे आयोजन करते रहने की बात कही।


आत्मा रंजन


शिमला, हिमाचल प्रदेश, मो.नं.: 9418450764