अंजू शर्मा - जन्म : १५ जून १९५४ (छपरा, बिहार) शिक्षा : एम.ए. गोरखपुर विश्वविद्यालय एक कविता संग्रह, एक व्यंग्य संग्रह, दूरदर्शन आकाशवाणी में कार्यक्रम विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन
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माँ
माँ कभी नहीं थकती।
बाबा की अदरख-नींबू की चाय
दादी माँ की दवाइयाँ
भाभी का लंचबॉक्स, और-
बिट्टी का दूध भरती हुई
माँ कभी नहीं थकती
नंगे बदन घूमते
महरी के बच्चों को झिड़कती
आत्माराम को दूध-भात देती
पड़ोसन चाची का
कुशल क्षेम पूछती माँ
कभी नहीं थकती
बैठक से लेकर
चौके तक सारा-सारा दिन
चक्करघिन्नी की तरह
दौड़ती भागती माँ
कभी नहीं थकती
परन्तु-
दीदी की फोटो
बन्द लिफाफे में
जब-जब लौटकर आता है
माँ थक जाती है बहुत ....।
इक्कीसवीं सदी
शायद यह इक्कीसवीं सदी है
दाँव पर आज भी द्रौपदी है
हार तो उसकी हार ही है
जीत भी उसकी त्रासदी है
सात जनम या चौदह फेरे
कागज हैं अनुबन्धन कोरे
दान दर दान नियति इसकी
यही ऋचा की सप्तपदी है
कभी अगन में कभी लगन में
जलती है वो कभी किचन में
हवन-कुण्ड से कर्म-काण्ड तक
जलना-भुनना चौहद्दी है
दाँव पर आज भी द्रौपदी है
यह इक्कीसवीं सदी है
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